2022 तक भारत में आ जाएगा 5G, पांच गुना खर्च होगा डेटा: रिपोर्ट

सांकेतिक तस्वीर
अगर सबकुछ ठीक रहा तो 2022 से भारत में 5जी का इस्तेमाल किया जा सकेगा. यह दावा स्वीडन की टेलिकॉम कंपनी एरिक्सन के एक सीनियर अधिकारी ने किया है.
अधिकारी के मुताबिक साल 2018 सूचना प्रौद्योगिकी के नजरिए से इतिहास में एक महत्वपूर्ण साल के रूप में दर्ज होने जा रहा है. एरिक्सन का अनुमान है कि भारत में 2022 से 5जी का उपयोग शुरू हो जाएगा. लेकिन तब तक भारत में मंथली मोबाइल डेटा ट्रैफिक बढ़कर 5 गुना अधिक हो जाएगा. यह 2017 में 1.9 एक्साबाइट (ईबी) था, जो 2023 तक बढ़कर 10 एक्साबाइट हो जाएगा.
एरिक्सन के स्ट्रैटेजिक मार्केटिंग और बिजनेस नेटवर्क के प्रमुख पैट्रिक केरवाल ने बताया, हमारा मानना है कि 2023 में कुल डेटा ट्रैफिक का 20 फीसदी 5जी होगा. उन्होंने आगे कहा कि यह 20 फीसदी भी वर्तमान के 4जी, 3जी और 2जी तीनों के ट्रैफिक को मिलाकर भी उससे डेढ़ गुना ज्यादा होगा. केरवाल इसी हफ्ते जारी एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट के लेखक भी हैं.
उन्होंने कहा, 'हमारा मानना है कि 5जी का प्रयोग 4जी से अधिक होगा और यूजर्स अधिक डेटा की खपत करेंगे. हालांकि जरूरी नहीं है कि यूजर्स अधिक समय भी बिताएंगे क्योंकि स्मार्टफोन नई क्षमताओं से लैस होंगे,  जिनमें वर्चुअल रियलिटी(वीआर), अगमेंटेंड रियलिटी (एआर) और 4 के वीडियो प्रमुख हैं। ये तकनीक वीडियो के अलावा वीडियो के चारों तरफ भी देखने में सक्षम बनाएगी."
मोबाइल इंडस्ट्री की एक्टिविटी का विश्लेषण करनेवाली इस रिपोर्ट के 14वें संस्करण में बताया गया कि 5जी लागू करने में उत्तरी अमेरिका दुनिया में सबसे आगे होगा. दरअसल, सभी प्रमुख अमेरिकी सर्विस प्रोवाइडर 2018 के अंत से 2019 के मध्य तक 5जी लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं. यही वजह है कि अन्य देश पिछड़ जाएंगे.

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